नई दिल्ली: उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में बढ़कर 6.07 प्रतिशत हो गई, जो सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है।
जनवरी महीने में महंगाई का आंकड़ा 6.01 फीसदी रहा।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य टोकरी में कीमतों में वृद्धि की दर फरवरी में 5.89 प्रतिशत थी, जो पिछले महीने में 5.43 प्रतिशत थी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी द्विमासिक नीति पर पहुंचते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति में कारक है।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को सरकार ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति को 4 फीसदी (+,-2 फीसदी) पर काबू करने का काम सौंपा है।
इस महीने भी महंगाई का आंकड़ा आरबीआई की लक्षित सीमा की ऊपरी सीमा से ऊपर रहा।
जनवरी महीने में महंगाई का आंकड़ा 6.01 फीसदी रहा।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य टोकरी में कीमतों में वृद्धि की दर फरवरी में 5.89 प्रतिशत थी, जो पिछले महीने में 5.43 प्रतिशत थी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी द्विमासिक नीति पर पहुंचते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति में कारक है।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को सरकार ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति को 4 फीसदी (+,-2 फीसदी) पर काबू करने का काम सौंपा है।
इस महीने भी महंगाई का आंकड़ा आरबीआई की लक्षित सीमा की ऊपरी सीमा से ऊपर रहा।